आज मैं आपको महात्मा गांधी के विचारों के बारे में बताने वाला हूँ। अगर आप Mahatma Gandhi के Thoughts, Mahatma Gnadhi ke Vichar, Mahatma gandhi Quotes को अपने जीवन में उतार लेते हैं तो आपका जीवन बदल जायेगा। क्योंकि महात्मा गांधी का मार्ग “सत्य का मार्ग” था। वे न केवल इस मार्ग पर चले बल्कि दूसरों को चलने के लिए रास्ता भी छोड़ गए। महात्मा गांधी के विचारों में सत्य की झलक देखने को मिलती है और उनसे हमें प्रेरणा मिलती है।

महात्मा गांधी आज़ाद विचारों के थे उन्होंने कहा था “किसी की मेहरबानी मांगना, अपनी आजादी बेचना है।” और अगर आप चाहते हैं कि आपको कहीं झुकना न पढ़े, कहीं नीचा न देखना पढ़े तो महात्मा गांधी के विचार (Mahatma Gandhi Thoughts) और उनके कथनों पर ध्यान दीजिये, आपको जीवन जीने का हुनर सीखने को मिल जायेगा।
महत्मा गाँधी
नाम: | मोहनदास करमचंद गांधी (बापू, राष्ट्रपिता) |
पिता का नाम: | करमचंद गांधी |
माता का नाम: | पुतलीबाई |
पत्नी का नाम: | कस्तूरबा गांधी |
बच्चों का नाम: | हरिलाल गांधी (1888-1948), मणिलाल गांधी (1892-1956), रामदास गांधी (1897-1969), देवदास गांधी (1900-1957) |
जन्म तिथि: | 2 अक्टूबर 1869 |
जन्म स्थान: | पोरबंदर, गुजरात |
मृत्यु: | 30 जनवरी 1948, नई दिल्ली |
शिक्षा: | बैरिस्टर (लंदन के इनर टेंपल से कानून की पढ़ाई) |
कार्य: | बैरिस्टर और स्वतंत्रता सेनानी |
नारा: | “अंग्रेजों भारत छोड़ो!” – भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान दिया गया। “सत्य ही ईश्वर है!” – गांधीजी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांत को दर्शाता है। “अहिंसा परमो धर्मः” – अहिंसा को सर्वोच्च धर्म बताया। “करो या मरो!” – 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में दिया गया। “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है!” – बाल गंगाधर तिलक से प्रेरित होकर स्वतंत्रता का संदेश। “हम पहले वे काम करें जो हमें अपने लिए करना चाहिए!” – आत्मनिर्भरता और स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए। “स्वच्छता ही सेवा है!” – गांधीजी स्वच्छता को बहुत महत्व देते थे। “सादा जीवन, उच्च विचार!” – सरल जीवन जीने और महान विचारों को अपनाने की सीख। |
पुरस्कार: | नोबेल शांति पुरस्कार (नामांकन): गांधीजी को पाँच बार (1937, 1938, 1939, 1947 और 1948) नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था, लेकिन उन्हें कभी यह पुरस्कार नहीं मिला। 1948 में उनकी मृत्यु के बाद नोबेल कमेटी ने पुरस्कार न देने का फैसला किया, यह कहते हुए कि उस वर्ष “कोई भी व्यक्ति उनकी बराबरी नहीं कर सकता।” राष्ट्रपिता की उपाधि: सुभाष चंद्र बोस ने 1944 में गांधीजी को “राष्ट्रपिता” की उपाधि दी। यूनेस्को शांति पुरस्कार (मरणोपरांत सम्मान): गांधीजी को मरणोपरांत विश्व स्तर पर शांति का प्रतीक माना गया और यूनेस्को ने उनके विचारों को शांति के लिए आदर्श माना। संयुक्त राष्ट्र का गांधी जयंती सम्मान: संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 2 अक्टूबर को “अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस” (International Day of Non-Violence) के रूप में घोषित किया। भारत सरकार के सम्मान: गांधीजी की स्मृति में “महात्मा गांधी शांति पुरस्कार” भारत सरकार द्वारा 1995 से दिया जाने लगा। |
बुक्स: | सत्य के प्रयोग (My Experiments with Truth): यह गांधीजी की आत्मकथा है, जिसमें उनके बचपन से लेकर 1921 तक के जीवन की घटनाओं का विवरण मिलता है। इसमें उनके सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों का विकास और उनके जीवन में आए संघर्षों का जिक्र है। हिंद स्वराज (Hind Swaraj): 1909 में लिखी गई यह पुस्तक गांधीजी के राजनीतिक और सामाजिक विचारों का सार है। इसमें उन्होंने ब्रिटिश शासन की आलोचना की और स्वराज (स्व-शासन) का विचार प्रस्तुत किया। वे आधुनिक सभ्यता को पतनकारी मानते थे और ग्राम समाज की आवश्यकता पर बल देते थे। भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement): यह गांधीजी के विचारों और भारत छोड़ो आंदोलन की पृष्ठभूमि को समझने के लिए महत्वपूर्ण पुस्तक है। सत्याग्रह इन साउथ अफ्रीका (Satyagraha in South Africa): इसमें गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के अधिकारों के लिए किए गए संघर्ष और सत्याग्रह आंदोलन का विवरण दिया है। यंग इंडिया और हरिजन (Young India & Harijan): ये गांधीजी द्वारा संपादित समाचार पत्र थे, जिनमें उनके सामाजिक और राजनीतिक विचार प्रकाशित होते थे। ‘हरिजन’ में उन्होंने छुआछूत, सामाजिक सुधार और स्वतंत्रता संग्राम पर अपने विचार साझा किए। निर्माण का कार्यक्रम (Constructive Programme: Its Meaning and Place): इसमें स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किए जाने वाले सामाजिक कार्यों और स्वदेशी आंदोलन की भूमिका का उल्लेख है। अहिंसा पर गांधीजी के विचार (The Message of Mahatma Gandhi): यह पुस्तक गांधीजी के अहिंसा, सत्याग्रह और नैतिकता पर विचारों का संकलन है। |
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान: | गांधीजी 1915 में भारत लौटे और स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए। उन्होंने कई आंदोलनों का नेतृत्व किया: चंपारण और खेड़ा आंदोलन (1917-1918) – किसानों के हक के लिए संघर्ष। असहयोग आंदोलन (1920-1922) – ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आंदोलन, जिसमें विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार किया गया। दांडी मार्च (1930) – नमक कानून तोड़कर अंग्रेजों के अन्याय का विरोध। भारत छोड़ो आंदोलन (1942) – ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का नारा देकर स्वतंत्रता के लिए अंतिम संघर्ष। |
गांधीजी के विचार: | अहिंसा: किसी भी प्रकार की हिंसा से दूर रहकर सत्य और प्रेम के मार्ग पर चलना। सत्याग्रह: अन्याय के खिलाफ अहिंसात्मक विरोध। स्वदेशी आंदोलन: अपने देश में बनी चीजों का उपयोग कर आत्मनिर्भर बनना। सरल जीवन: कम से कम संसाधनों में भी संतोषपूर्वक जीवन व्यतीत करना। |
महात्मा गांधी के सर्वश्रेष्ठ विचार (Mahatma Gandhi Quotes)

“खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।”

“कमजोर कभी माफ नहीं कर सकते। क्षमा करना ताकतवर की विशेषता है।”

“जहाँ प्यार है, वहाँ जीवन है।”

“आप जो भी करेंगे वह नगण्य होगा, लेकिन यह जरूरी है कि आप वह करें।”

“एक देश की महानता और उसकी नैतिक प्रगति को इस बात से आँका जा सकता है कि वहाँ जानवरों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है।”

“क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं।”

“यदि आप सच के रास्ते पर हैं, तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।”

“पहले वे आपको नजरअंदाज करेंगे, फिर आप पर हँसेंगे, फिर आपसे लड़ेंगे, और तब आप जीत जाएंगे।”

“मेरा जीवन ही मेरा संदेश है।”

“अहिंसा मानवता के लिए सबसे बड़ा धर्म है।”
English Thought of Mahatma Gandhi
“Be the change that you wish to see in the world.”
“The best way to find yourself is to lose yourself in the service of others.”
“Happiness is when what you think, what you say, and what you do are in harmony.”
“Live as if you were to die tomorrow. Learn as if you were to live forever.”
“The weak can never forgive. Forgiveness is the attribute of the strong.”
“You may never know what results come of your actions, but if you do nothing, there will be no result.”
“Freedom is not worth having if it does not include the freedom to make mistakes.”
“The greatness of a nation and its moral progress can be judged by the way its animals are treated.”
“Strength does not come from physical capacity. It comes from an indomitable will.”
“A man is but the product of his thoughts. What he thinks, he becomes.”
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
महत्मा गांधी से सबंधित प्रश्न | महत्मा गांधी से सबंधित प्रश्नों के उत्तर |
महात्मा गांधी का जन्म कब और कहाँ हुआ था? | उत्तर: 2 अक्टूबर 1869, पोरबंदर, गुजरात |
महात्मा गांधी के पिता और माता का क्या नाम था? | उत्तर: पिता: करमचंद गांधी, माता: पुतलीबाई गांधी |
महात्मा गांधी का पूरा नाम क्या था? | उत्तर: मोहनदास करमचंद गांधी |
महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ किसने कहा था? | उत्तर: सुभाष चंद्र बोस ने |
महात्मा गांधी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कहाँ से प्राप्त की थी? | उत्तर: राजकोट, गुजरात |
महात्मा गांधी ने कानून की पढ़ाई कहाँ से की थी? | उत्तर: इनर टेम्पल, लंदन (इंग्लैंड) |
महात्मा गांधी पहली बार भारत कब आए थे? | उत्तर: 9 जनवरी 1915 को (दक्षिण अफ्रीका से) |
महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए प्रमुख आंदोलन कौन-कौन से थे? | उत्तर: चंपारण सत्याग्रह (1917), खेड़ा सत्याग्रह (1918), खिलाफत आंदोलन (1919), असहयोग आंदोलन (1920), दांडी यात्रा / नमक सत्याग्रह (1930), भारत छोड़ो आंदोलन (1942) |
महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम कब और कहाँ स्थापित किया? | उत्तर: 1917, अहमदाबाद (गुजरात) |
दांडी यात्रा कब और क्यों की गई थी? | उत्तर: 12 मार्च 1930 को, नमक कानून तोड़ने के लिए |
महात्मा गांधी का नारा ‘करो या मरो’ किस आंदोलन से जुड़ा है? | उत्तर: भारत छोड़ो आंदोलन (8 अगस्त 1942) |
महात्मा गांधी किस विचारधारा के प्रचारक थे? | उत्तर: अहिंसा और सत्य |
महात्मा गांधी द्वारा लिखित पुस्तक का नाम बताइए? | उत्तर: ‘सत्य के प्रयोग’ (My Experiments with Truth) |
महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में किस आंदोलन का नेतृत्व किया था? | उत्तर: रंगभेद (Apartheid) के खिलाफ सत्याग्रह |
महात्मा गांधी की हत्या कब और किसने की थी? | उत्तर: तिथि: 30 जनवरी 1948 हत्यारा: नाथूराम गोडसे |
महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन कौन-सा था? | उत्तर: “वैष्णव जन तो तेने कहिए” |
महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में किस संगठन की स्थापना की थी? | उत्तर: नेटाल इंडियन कांग्रेस |
महात्मा गांधी का संबंध कौन-कौन से अखबारों से था? | उत्तर: यंग इंडिया, हरिजन, इंडियन ओपिनियन |
महात्मा गांधी ने किस साम्प्रदायिक समझौते का विरोध किया था? | उत्तर: कम्यूनल अवार्ड (1932) |
निष्कर्ष
गांधीजी भारत के राष्ट्रपिता कहे जाते हैं क्योंकि इन्होने भारत को न सिर्फ स्वतंत्रता दिलाई बल्कि एक अच्छे देश की नीव रखी, इसलिए इन्हे राष्ट्रपिता कहा जाता है। कुछ् लोग इन्हे राष्ट्रपिता नहीं मानते लेकिन मैं कहना चाहता हूँ कि पहले इनकी बुक “सत्य के साथ मेरे प्रयोग” जरूर पढ़े, इसे पढ़ने के बाद आप इन्हे अच्छे से समझेगें।
तो ये थे “महात्मा गांधी के सर्वश्रेष्ठ विचार (Mahatma Gandhi Quotes)” उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आए होंगे। आप चाहें तो इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। धन्यवाद!
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